Educational Program for Visually Impaired children

https://youtu.be/mTS-jta4ya0 Educational Program for Visually Impaired  Educational Medium : साधारण किताब का प्रिंट 10 या 12 font का होता है पर कम दृष्टि वाले बालकों के लिए किताब है 18 से 24 font  के बीच होना चाहिए प्रिंट साफ व खुला होना चाहिए मानचित्र व चित्रों का प्रयोग करना चाहिए। Use Magnifying Glass : आंशिक रूप से अंधे बालकों के लिए मैग्नीफाइंग गिलास का यूज भी किया जा सकता है साधारण प्रिंट की किताबें का प्रिंट बड़ा नजर आता है तथा बच्चे इसको आसानी से पढ़ सकते हैं। Closed Circuit TV : तकनीक में आई क्रांति के कारण आजकल आंशिक रूप से अंधे बच्चों को इसके द्वारा शिक्षा दी जा रही है कैमरे को सेट करके सामान्य किताबों पर लिखा मटेरियल वह चित्र आदि को स्क्रीन पर बड़ा करके दिखाया जाता है। आवश्यकतानुसार प्रिंट को छोटा या बड़ा किया जा सकता है रोशनी : कम देखने वाले बालकों के लिए प्राकृतिक व कृतिम दोनों प्रकार की रोशनी का अधिक महत्व है। ऐसे बालकों के लिए कक्षा कक्ष रोशनी युक्त होना चाहिए। कक्षा की दीवारें हल्के रंग की होनी चाहिए तथा छत सफेद रंग की। शीशे के ब्लैक बोर्ड का प्रयोग करना चा...

Special Education

विशेष शिक्षा.  


जब हम विशेष शब्द किसी भी विशेष के साथ जोड़ते हैं तो उसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है, और संबंधित विषय अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
ठीक इसी प्रकार जब हम शिक्षा के साथ विशेष शब्द जोड़ते हैं तो शिक्षा से संबंधित प्रत्येक पहलू महत्वपूर्ण हो जाता है चाहे वह शिक्षक हो, शिक्षा का माध्यम ,हो तरीका हो ,या स्वयं विद्यार्थी क्यों ना हो ।
अतः हम कह सकते हैं कि विशेष परिस्थितियों में विशेष विद्यार्थी चाहे उसकी दक्षता सामान्य से कम हो अथवा सामान्य से अधिक हो, को विशेष शैक्षणिक गतिविधियों द्वारा विशेष पाठ्यक्रम एक विशेष शिक्षक (स्पेशल एजुकेटर) के द्वारा किसी स्किल को सिखाया जाए अथवा पढ़ाया जाए तो इसे विशेष शिक्षा कहते हैं।
विशेष शिक्षा का महत्व  बौद्धिक अशक्‍तता के क्षेत्र में और अधिक बढ़ जाता है। हैलेहन तथा कॉफमैन 1973 के अनुसार विशेष शिक्षा का अर्थ विशेष रूप में तैयार किए गए साधनों द्वारा प्रशिक्षण देना है। ये साधन विशेष सामग्री अध्यापन तकनीक साज समाज तथा अन्य सुविधाओं की सहायता से अपवाद स्वरूप बच्चों की असाधारण आवश्यकताओं को पूरी करते हैं।
विशेष शिक्षा आमतौर पर सामान्य शिक्षा के ढांचे के अंतर्गत वह शिक्षा है जो संबंधित दिव्यांगों के लिए उपयुक्त सुविधाओं, विशेष प्रणालियों और सामग्रियां तथा उपयुक्त शिक्षकों की व्यवस्था करती है।
इसी को विशेष शिक्षा कहा जाता है।

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